Αποτελέσματα Αναζήτησης
30 Ιουν 2017 · प्रतिषेध रिट (Prohibition) यह रिट (writ) किसी उच्चतर न्यायालय द्वारा अधीनस्थ न्यायालयों के विरुद्ध जारी की जाती है. इस रिट (writ) को जारी करके अधीनस्थ न्यायालयों को अपनी अधिकारिता के बाहर कार्य करने से रोका जाता है. इस रिट के द्वारा अधीनस्थ न्यायालय को किसी मामले में तुरंत कार्रवाई करने तथा की गई कार्रवाई की सूचना उपलब्ध कराने का आदेश दिया जाता है.
2 Φεβ 2024 · रिट- प्रतिषेध (Prohibition) 'प्रतिषेध का शाब्दिक अर्थ 'निषेध करना' है। एक अदालत जो उच्च पद पर है, उस अदालत के खिलाफ एक निषेध रिट जारी करती है जो बाद वाले को अपने अधिकार क्षेत्र को पार करने या...
प्रतिषेध रिट (Prohibition) उत्प्रेषण लेख (Writ of Certaiorari) अधिकार पृच्छा (Quo Warranto) [English**] The Indian Constitution empowers the Supreme Court to issue writs for enforcement of any of the fundamental rights conferred by Part III of Indian Constitution under Article 32.
21 Νοε 2023 · रिट (Writ) को कार्यकारी या न्यायिक निकाय द्वारा जारी औपचारिक लिखित आदेश के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो व्यक्ति या प्राधिकरण को किसी विशेष कार्य को करने या करने से रोकने का निर्देश देता है। भारत में रिट के प्रकार (Types of Writs in India in Hindi) पांच होते हैं – बियस कॉर्पस, मैंडमस, सर्टिओरीरी, प्रोहिबिशन और क्वो-वारंटो। भारत में रिट के प्...
3 Ιουλ 2020 · प्रस्तावना में उल्लेखित मुख्य शब्दों के अर्थ: हम भारत के लोग- इसका तात्पर्य यह है कि भारत एक प्रजातांत्रिक देश है तथा भारत के लोग ही सर्वोच्च संप्रभु है, अतः भारतीय जनता को जो अधिकार मिले हैं वही संविधान का आधार है अर्थात् दूसरे शब्दों में भारतीय संविधान भारतीय जनता को समर्पित है।. संप्रभुता-
11 Ιουλ 2020 · प्रतिषेध (Prohibition) रिट- किसी भी न्यायिक या अर्द्ध-न्यायिक संस्था के विरुद्ध जारी हो सकता है, इसके माध्यम से न्यायालय के न्यायिक अर्द्ध-न्यायिक संस्था को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर निकलकर कार्य करने से रोकती है।.
प्रतिषेध (Prohibition) रिट- किसी भी न्यायिक या अर्द्ध-न्यायिक संस्था के विरुद्ध जारी हो सकता है, इसके माध्यम से न्यायालय के न्यायिक अर्द्ध-न्यायिक संस्था को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर निकलकर कार्य करने से रोकती है।.